15-Nov-2021 02:53 PM
7593
पैनिक अटैक की स्थिति किसी गहरे बैठे डर या एंग्जायटी की वजह से अचानक आती है। जब कोई व्यक्ति इसकी वजह से अचानक घबराकर प्रतिक्रिया देने लगता है, जबकि वह डर या एंग्जायटी की स्थिति असल में हो ही नहीं। पैनिक अटैक की स्थिति आमतौर पर किसी भी बड़ी दुर्घटना या मुश्किल के समय किसी के भी साथ बन सकती है और वह स्थिति ठीक होने के बाद पैनिक अटैक से भी व्यक्ति उबर आता है। ऐसा ज़िन्दगी में दो-एक बार ही होता ह,। लेकिन अगर यह अचानक और बार-बार होने लगे तो यह स्थिति पैनिक डिसऑर्डर की हो सकती है।
हालांकि पैनिक अटैक्स आमतौर पर जानलेवा नहीं होते लेकिन इनकी वजह से पनपने वाली स्थितियां गम्भीर हो सकती हैं। इससे व्यक्ति की सामान्य जिंदगी पर भी बुरा प्रभाव पड़ सकता है। अच्छी बात यह है कि इलाज और सजगता इस समस्या का प्रभावी निराकरण कर सकते हैं। इसलिए जरूरी है कि समय रहते इलाज किया जाए।
ऐसे लक्षण दिखते ही हो जाएं सावधान
पैनिक अटैक के लक्षण अचानक बिना किसी चेतावनी के उभर आते हैं। इससे भी ज्यादा खतरनाक बात यह है कि यह किसी भी समय उभर सकते हैं। जैसे मॉल में खरीदारी करते समय, ड्राइविंग करते समय, किसी मीटिंग को अटैंड करते समय या यहां तक कि नींद में भी। ये थोड़े अंतराल से भी सामने आ सकते हैं या फिर लगातार भी। इनमें इमोशनल लक्षणों के साथ ही फिजिकल लक्षण भी शामिल हो सकते हैं। ये लक्षण कुछ मिनटों में ही तीव्र हो सकते हैं।
डर या मरने की आशंका का तेज होना, तेज ह्र्दयगति और पसीना आना, गले में जकड़न होना, गला सूखना, कंपकपी, सांस लेने में दिक्कत, ठंड की लहरें आना, जी घबराना, उल्टी होना, चक्कर आना, हॉट फ्लैशेस, अचानक तेज क्रैम्प (दर्द के दौरे) आना, सीने और सिर में दर्द, झुनझुनी होना और मन में निराशा के तेज बहाव आना जैसे हाथ से सब छूट रहा हो, आदि। यदि इन लक्षणों पर काबू न पाया जाए तो स्थिति ज्यादा तकलीफदायक भी हो सकती है।
पैनिक अटैक को कैसे करें नियंत्रित
पैनिक अटैक पर समय के साथ किया गया नियंत्रण और प्रबंधन अच्छे परिणाम देता है और व्यक्ति फिर से अपने सामान्य जीवन की ओर बढ़ सकता है। कुछ तरीके इन अटैक्स को नियंत्रित करने में काफी मददगार हो सकते हैं।
काउंसिलिंग या परामर्श- पहली बार में शायद आपको यह समझ न आए कि अचानक आपको क्या हुआ था लेकिन दूसरी-तीसरी बार में आपको यह समझ में आने लगेगा कि आपके व्यवहार में परिवर्तन हुआ था और आपका मन और शरीर दोनों ही नियंत्रण से बाहर थे। इसके बाद लक्षणों को जानकर और समझकर तुरन्त डॉक्टर से परामर्श करें और काउंसिलिंग शुरू करें। ध्यान रखें कि यह प्रक्रिया लम्बी होगी इसलिए इलाज कभी भी बीच में न छोड़ें।
सांस वाले व्यायाम- गहरी सांस लेना और छोड़ना यानी डीप ब्रीदिंग एक बहुत ही अच्छा तरीका है दिमाग को संतुलित बनाए रखने का। इसके साथ ही यह शरीर को भी स्वस्थ बनाने में मददगार है। मानसिक स्तर पर चल रही उथल-पुथल में यह काफी राहत पहुंचा सकती है। इसलिए गहरी सांस लेने का अभ्यास निरंतर करें। इससे फेफड़ों को भी मजबूती मिलेगी और दिल भी स्वस्थ रहेगा।
नियमित फिजिकल एक्टिविटी- रेग्युलर एक्सरसाइज से मिलने वाला फायदा दीर्घकालिक होता है। यह एक दिन या एक महीने की बात नहीं है, इसलिए अपने एक्सरसाइज रूटीन को नियमित रखें। इससे शरीर के साथ-साथ दिमाग को भी ऊर्जा मिलती है जिससे वह विपरीत परिस्थितियों में भी एकदम से नियंत्रण नहीं खोता।
अरोमाथेरपी- इस थैरेपी का प्रयोग लम्बे समय से दिमाग को शांति देने के लिए किया जा रहा है। मुख्यतः प्राकृतिक तेल या खुशबू इसके लिए उपयोग में लाई जाती हैं। ऐसी ही एक खुशबू जी लैवेंडर की। लैवेंडर ऑइल या स्प्रे की दो बूंद कलाई या हथेली के पिछले हिस्से पर रगड़ लें और इसे धीरे से गहरी सांस लेते हुए सूंघें। ये एंग्जायटी की स्थिति से बाहर निकालने में भी मदद करेगी। अगर आप किसी तरह की दवा का सेवन भी कर रहे हैं तो एक बार डॉक्टर से सलाह जरूर लें कि आपको अरोमाथैरेपी का प्रयोग कैसे करना है।
मेडिटेशन- दिमाग को शांत और संतुलित रखने के लिए यह सबसे प्रभावी तरीका है। तेज आवाज और आस-पास का शोर-गुल भरा माहौल पैनिक अटैक के मामले को और खराब कर सकता है। इसलिए अटैक आते ही तुरन्त किसी शांत जगह पर कुछ देर आंखें मूंदकर बैठ जाएं। धीरे-धीरे सांस लें और मन को शांत करने की कोशिश करें।
इन बातों का रखें ध्यान
जब पैनिक अटैक आए तो ध्यान रखें कि यह कैसे शुरू हुआ था। किसी खास माहौल में, भीड़ के बीच या रोजमर्रा की किसी स्थिति में। अगर आप इन ट्रिगर्स को जानने-समझने लगेंगे तो आसानी से खुद पर नियंत्रण कर सकेंगे।
पेंटिंग, डांस, म्यूजिक जैसी दिमाग को तरोताजा करने वाली किसी रचनात्मक एक्टिविटी को जीवन में शामिल करें। हर स्थिति का सकारात्मक पहलू जानने की कोशिश करें। साथ ही मसल रिलेक्सेशन तकनीक को भी अपनाएं। दोस्त, परिवार या किसी सपोर्ट ग्रुप से अपनी मन की स्थिति को शेयर करने से भी बहुत फायदा मिलता है। किसी ऐसे व्यक्ति को चुनें जो आपकी स्थिति को समझता हो।
panic attack..///..anyone-can-have-the-problem-of-panic-attack-328350