07-Apr-2025 10:58 PM
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जम्मू 07 अप्रैल (संवाददाता) केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को घुसपैठ की पहचान करने और सुरंगों का पता लगाने और उन्हें नष्ट करने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग करके कई प्रयोग किए जाने पर जोर देते हुए कहा कि कुछ वर्षों में पूरे भारत-पाकिस्तान और भारत-बंगलादेश सीमा पर तैनात सुरक्षा बलों को तकनीकी सहायता से पूरी तरह लैस किया जाएगा।
श्री शाह ने जम्मू-कश्मीर यात्रा के दौरान कठुआ जिले में सीमा चौकी 'विनय' पर तैनात सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवानों से बातचीत करते हुए कहा, 'हमारे सैनिकों का बलिदान, बहादुरी, पराक्रम और साहस सीमा पार से दुश्मनों के खिलाफ भारत की ढाल है और यही कारण है कि देश के लोग बीएसएफ के प्रति गहरा सम्मान रखते हैं।'
इस अवसर पर जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह, केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन, खुफिया ब्यूरो के निदेशक और बीएसएफ के महानिदेशक सहित कई अन्य गणमान्य व्यक्ति भी मौजूद थे।
श्री शाह ने कहा कि वर्तमान में प्रौद्योगिकी से संबंधित 26 से अधिक पहलों का परीक्षण किया जा रहा है जिसमें ड्रोन रोधी तकनीक, सुरंग पहचान तकनीक और इलेक्ट्रॉनिक निगरानी शामिल हैं। उन्होंने सीमा सुरक्षा बल के शहीद सहायक कमांडेंट विनय प्रसाद को श्रद्धांजलि दी जिन्होंने 2019 में कठुआ जिले में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर ड्यूटी के दौरान अपना सर्वोच्च बलिदान दिया था।
इससे पहले 2021 में श्री शाह ने जम्मू सीमा पर मकवाल सीमा चौकी का दौरा किया था।
गृह मंत्री ने सीमा पर नवनिर्मित सुविधाओं का उद्घाटन किया जिसमें आठ महिला बैरक, हाई-मास्ट लाइट, एक जी प्लस 1 टावर और एक समग्र बीओपी शामिल हैं जिनका निर्माण 47.22 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है। इन पहलों ने सीमा सुरक्षा बल के जवानों की ड्यूटी के दौरान सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया है और उनके रहने की स्थिति में भी सुधार किया है। उन्होंने जम्मू क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय सीमा की निगरानी में बीएसएफ कर्मियों और अधिकारियों के प्रयासों की सराहना की।
श्री शाह ने जवानों से बातचीत के दौरान कहा कि इस स्थान पर आने पर पता चलता है कि बीएसएफ के जवान किन कठिन परिस्थितियों में देश की सीमाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं। उन्होंने कहा, 'अत्यधिक ठंड, भारी बारिश या 45 डिग्री सेल्सियस तक तापमान और भौगोलिक या जलवायु चुनौतियों के बावजूद हमारे जवान तैयारियों और सतर्कता के साथ सीमाओं की सुरक्षा के लिए सजग और समर्पित रहते हैं।'
उन्होंने कहा कि देश की सुरक्षा के मामले में बीएसएफ का गौरवशाली इतिहास रहा है और पूरा देश जानता है कि बीएसएफ हमारी रक्षा की पहली पंक्ति है और बल ने हमेशा इस जिम्मेदारी को बेहतरीन तरीके से निभाया है। उन्होंने आगे कहा कि पाकिस्तान के साथ हर युद्ध में हमारे बीएसएफ जवानों का योगदान भारतीय सेना जितना ही महत्वपूर्ण रहा है।
उन्होंने कहा कि सीमा पर तैनाती के लिए इलेक्ट्रॉनिक निगरानी प्रणाली के दो मॉडल विकसित किए गए हैं। पूरी सीमा पर इनकी स्थापना के बाद सैनिकों को सूचना प्राप्त करना तथा तकनीक का उपयोग करते हुए दुश्मन की किसी भी हरकत का तुरंत जवाब देना काफी आसान हो जाएगा।
श्री शाह ने विश्वास व्यक्त किया कि अगले मार्च तक इन परीक्षणों से कुछ परिणाम प्राप्त हो सकते हैं जिससे सैनिकों के लिए अपने कर्तव्यों का पालन करना आसान हो जाएगा।
गृह मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार सैनिकों को उनके कर्तव्यों के निर्वहन में आने वाली कठिनाइयों को कम करने के लिए काम कर रही है तथा आगे भी ऐसा करती रहेगी। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार सुरक्षा बलों तथा उनके परिवारों के कल्याण के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
श्री शाह ने कहा कि भारत सरकार ने सुरक्षा बलों के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं शुरू की हैं जिनमें आयुष्मान सीएपीएफ, अनुग्रह राशि भुगतान, सीएपीएफ वेतन पैकेज योजना के तहत आकस्मिक मृत्यु बीमा कवरेज, एकीकृत पेंशन योजना, प्रधानमंत्री छात्रवृत्ति योजना (पीएमएसएस) तथा ई-हाउसिंग शामिल हैं।...////...