12-Nov-2021 08:23 PM
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मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने राज्य शासन से विचाराधीन बंदी की मौत पर उसके वैध वारिसों को पांच लाख रूपये दो माह में देने की अनुशंसा की है। आयोग ने प्रकरण क्र. 1303/बालाघाट/2018 में उपजेल बैहर के विचाराधीन बंदी बहाल सिंह की जिला चिकित्सालय बालाघाट में ईलाज के दौरान मौत के मामले में यह अनुशंसा की है। शासन चाहे, तो इस राशि की वसूली दोषी जेलकर्मियों से कर सकता है। मामले में आयोग ने पाया कि जेलकर्मियों की लापरवाही के कारण मृतक के मानव अधिकारों की घोर उपेक्षा हुई। अनुशंसा में आयोग ने यह भी कहा है कि शासन जेल की अभिरक्षा में स्थित बंदियों के संबंध में सुनिश्चित कराये, जिससे जेल के बंदियों की सुरक्षा और स्वास्थ्य के ऐसे स्पष्ट वैधानिक दायित्व का निर्वहन जेल प्रबंधन से जुड़े अधिकारी/कर्मचारी कर सकें। शासन जेल में बंदियों के विभिन्न प्रकार के स्वास्थ्य संबंधी परीक्षण/जाँच के लिए वैधानिक प्रावधानों को देखते हुए जहां आवश्यक हो केवल वहां बंदी विशेष की सहमति से उसे ऐसे परीक्षण की आवश्यकता, उसके लाभ-हानि इलाज की संभावित परिस्थितियों के संबंध में जानकारी देकर उसकी सहमति या असहमति सुनिश्चित करें। शासन यह भी तय करे कि किसी बंदी विशेष की असहमति के आधार पर अन्य बंदियों का स्वास्थ्य प्रभावित न हो सके क्योंकि सभी प्रकार की गंभीर संक्रामक बीमारियों से पीड़ित के सम्पर्क में आने से स्वस्थ बंदियों में संक्रमण होना संभावित रहता है और ऐसे अन्य स्वस्थ बंदियों को अन्यथा भारत के संविधान के अनुच्छेद 21 के अंतर्गत ही प्राप्त जीवन जीने के अधिकार और उसके मानव अधिकार को पूर्णतः संरक्षित किया जाये। शासन यह भी तय करे कि यदि कोई बंदी ऐसी संक्रमित बीमारी से पीड़ित होने की आशंका के बावजूद भी अपनी सहमति नहीं देता है तो उसे पृथक रखा जाये। जेल में प्रवेश के समय और उसके उपरांत भी नियमित अंतराल पर जेल में सभी बंदियों की बीमारियों की जाँच कराते हुए उसका स्पष्ट अभिलेख संधारित रखे, जिससे किसी बंदी के मामले में ऐसे अभिलेख के अवलोकन से उसके स्वास्थ्य की देखभाल पर उचित विचार किया जा सके। शासन जेल में रिक्त चिकित्सकों एवं अन्य पैरामेडिकल स्टाफ की यथाशीघ्र पदस्थापना करे। जबतक ऐसी व्यवस्था नहीं होती है, तबतक ऐसी जेलों में दाखिल बंदियों के ईलाज के लिए प्रायवेट चिकित्सकों/चिकित्सालयों को संबद्ध कर लिया जाये।
mp human rights..///..on-the-death-of-the-prisoner-under-consideration-give-five-lakh-rupees-to-the-heirs-in-two-months-327885